अब घर मे
गोरैया नही आती
बाहर बाहर ही
चहचहाती रहती।
बेचारी गोरैया
कैसे आए ?
घर मे थैली बंद
आटा आता है,
छानने सूखने बिखरने
के लिए दाने नही,
क्योकि घर मे
आंगन नही ,
जहाँ घर के बच्चे
चिङियो से फुदकते।
अब तो वे
बंद कमरो मे,
बुद्धु बक्से के सामने
चीखती कूदती छाया
देखते बैठे है।
बेचारी गोरैया
कमरे से आती
खौफनाक चीखो से
डर कर,बाहर से ही
फुर्र हो जाती है।
सुनते है जिस घर
गोरैया नही आती
प्रेत होते है ।
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