मुझे बेहद लुभाते हैं
किसिम-किसिम के फूल
डाल पर खिल हुए
सफेद,गुलाबी,पीले
बैंगनी,लाल,नीले
सभी रंगों के फूल
मुझे अपनी ओर बुलाते हैं
जी करता है
सभी फूलों को बाँहों में भरने को
विचार आता है
धरा से आकाश तक
इन्द्रधनुष फूलों का रचने को
बाजार में रखें फूलों को देख
ठिठक जाता हूँ
कैसा यह संसार है?
जहाँ फूलों को भी
बेच दिया जाता है।
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कवि परिचयः
एसोसिएट प्रोफेसर
हिंदी विभाग
राजधानी कॉलेज
राजागार्डन
दिल्ली - 110015