सम्पूर्ण विश्व की एक ही समस्या
बन गई है महत्तम
प्रदूषण ...प्रदूषण ...और प्रदूषण
यह पर्यावरण का ह्रास नहीं है मात्र
यह मात्र नहीं है स्वास्थय संकट
अत्याधिक हानिकारक है
राष्ट्रीय अर्थतंत्र के लिए भी
प्रदूषण से बने
वैश्विक ताप वृद्धि
ओजोन, परतक्षय, अम्ल वर्षा
अकाल, सूखा, बाढ,भूकंप
भूमि अपकर्ष
मरुभूमि निर्माण
वन्य जीवों का विलुप्तिकरण
स्मारकों का लुप्तिकरण
इनमें विशेष
वायु प्रदूषण
जल प्रदूषण
भूमि प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण
और नाभिकीय प्रदूषण
जिसने चारों ओर घेरा
आवरण हुआ अति विशुद्ध
मनुष्य की लालसा ने प्रकृति के
ताना -बाना में
विकार पैदा किया है
अनजान बन कर
जीवनदायी तत्व नष्ट कर रहा है
ये कैसा खालीपन खुद के ही
भीतर भर रहा है
पृथ्वी हुई है संकटग्रस्त
कालिख ने घेरा पृथ्वी का मुखमण्डल
मानव है भयभीत
वायु हुई अशुद्ध
जहरीली गैस और अवांछनीय तत्व
हवा में घुल-मिल गए हैं ऐसे
जीव-जंतुओं का जीवन नहीं सुरक्षित
सांस - दर - सांस
घुटन ही घुटन
वायु में समस्त हानिकारक गैस
जैसे कार्बन मानो आक्साइड
कार्बन डाई ऑक्साइड
सल्फर डाई ऑक्साइड
नाइट्रोजन आक्साइड और
मिथेन बढ़ते जा रहे हैं
ईधनों का जलना
रोक रहा
धुआँ उठता
साँसों का चलना
बेजान हो चली देह
थका-थका सा जीवन
एक उपाय
जीवन पर होगा उपकार
वन विनाश रोक
करना होगा वृक्षारोपण
ईंधन युक्त वाहनों के उपयोग से
नियंत्रण में रहेगा
वायु प्रदूषण
स्वच्छ होगा वायुमंडल
स्वस्थ होगा मनुष्य जीवन
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