क्या तोड़ देना चाहिए फरक्का बैराज?

PART - 2


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दिनांक 30 नवम्बर, नई दिल्ली के YWCA के सभागार में गंगा नदी पुनः उद्धार राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन देश भर से आये गंगा प्रेमियों ने किया। बंगाल , बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र और म0प्र0 आदि से आये हुए गंगा प्रेमियों ने गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए लिखित सुझाव प्रस्तुत सम्मेलन दिये।


प्रस्तुत सम्मेलन में आये हुए गंगा प्रेमियों ने सरकार द्वारा The National River Ganga( Rejuvination, Protection and Management ) Bill 2019 , को बिना जनता की आवाज सुनें संसद में पेश करने के निर्णय की आलोचना की।साथ ही गंगा के उद्गम से समागम तक पुर्नुद्धार के लिए पूरे देश में सरकार से बिल में उचित संशोधन हेतु संवाद के लिए सम्मेलन में एक एक्शन प्लान का निर्धारण हुआ। सम्मेलन में गंगा के प्राकृतिक प्रवाह और गंगा नदी व उसकी सहायक नदी पर बनने वाले नये और पुराने बांध प्रोजेक्टस के पुनः मूल्यांकन पर भी चर्चा हुई।


इसी संदर्भ में हरनंदी कहिन द्वारा सम्मेलन में सम्लित विभिन्न पर्यावरणविदों से चर्चा की गयी और जानने का प्रयास किया गया कि किस प्रकार सरकार और समाज के सहयोग से गंगा का पुर्नुद्धार होगा।


प्रस्तुत विडियों में गंगा नदी पुनः उद्धार के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन में बंगाल एवं बिहार से आये हुए पर्यावरण कार्यकर्ता श्री तपोश दास जी व अशोक भारत जी ने बिहार में गंगा जी पर बने फरक्का बांध से बिहार और बंगाल के क्षैत्रों पर क्या दुष्प्रभाव पड़ रहा है इसपर विस्तृत एवं तर्कपूर्ण चर्चा की।