बाँटे जा रहे हैं
मास्क
कोरोना वायरस के डर से
और हर दो घड़ी में
धोए जा रहे हैं हाथ
जैसे लेडी मैकबेथ
धोती थी डंकन का काल्पनिक रक्त
अपनी हथेलियों से,
पर हुजूर
रामलाल तो आज भी
उतर रहा था
सीवर में
बिना मास्क और
बिना सैनीटाईजर के।
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कवि परिचयः
भारतीय राजस्व सेवा में बरेली में कार्यरत्
कविता संग्रह - कविता के बहाने।
निवासः 402/T-5 सिविटेक फ्लोरेंसिया,
रामप्रस्थ ग्रीन्स, वैशाली,गाज़ियाबाद 201010